नई दिल्ली, 21 नवंबर 2025 — भारतीय शेयर बाजार ने गुरुवार को कमजोर शुरुआत की। वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों, अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट और निवेशकों की सतर्क भावनाओं के बीच आज घरेलू बाजार दबाव में रहा। शुरुआती कारोबार में BSE सेंसेक्स 250 से अधिक अंक फिसला, जबकि Nifty 50 26,100 के नीचे ट्रेड करता दिखा।
बाजार की अस्थिरता का प्रमुख संकेतक India VIX 9–10% तक उछला, जिससे निवेशक जोखिम लेने से बचते नजर आए। यह उछाल आने वाले दिनों में बाजार में और उतार-चढ़ाव का संकेत देता है।
कौन से सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव?
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मेटल सेक्टर में करीब 1% की गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक मांग में कमजोरी और कमोडिटी कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर इस सेक्टर पर दिखा।
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मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स लगभग 0.4% टूटे, जिससे साबित होता है कि हाई वैल्यूएशन वाले शेयरों में निवेशक बिकवाली को तरजीह दे रहे हैं।
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बैंकिन्ग और आईटी सेक्टर में सीमित हलचल रही, जबकि कुछ चुनिंदा लार्ज-कैप स्टॉक्स में मामूली तेजी देखने को मिली।
वैश्विक संकेतों का बाजार पर दबाव
अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट, फेडरल रिजर्व के अगली ब्याज दर निर्णय को लेकर अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक मंदी की चिंताओं का असर भारतीय इक्विटी बाजार पर साफ दिखाई दे रहा है।
एशियाई बाजारों में भी कमजोरी का रुख रहा, जिससे निवेशकों ने जोखिम भरे सौदे टालते हुए सतर्कता बरती।
विशेषज्ञों की राय
शेयर बाजार विशेषज्ञों का मानना है:
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मौजूदा गिरावट नफा-वसूली और वैश्विक संकेतों के दबाव का परिणाम है।
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अल्पकाल में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है, इसलिए निवेशकों को FOMO ट्रेडिंग से बचने की सलाह दी जाती है।
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लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह स्तर आकर्षक हो सकते हैं, लेकिन निवेश टुकड़ों में और सोच-समझकर करना बेहतर रहेगा।