दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध पर नकेल कसते हुए दक्षिण-पश्चिम जिले में विशेष अभियान ऑपरेशन साईहॉक (CyHawk) चलाया, जिसके तहत 42 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए सभी आरोपी अंतर्राज्यीय साइबर फ्रॉड मॉड्यूल का हिस्सा थे और 254 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके थे।
कैसे काम करता था ठगी का नेटवर्क
ऑपरेशन साईहॉक के तहत पुलिस ने उन गैंगों पर कार्रवाई की, जो विभिन्न प्रकार की साइबर ठगी से जुड़े थे—
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ATM Fraud
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Digital Arrest Scam
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Job Fraud
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Digital Marketing Fraud
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USDT Crypto Transfer
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Check Withdrawal Syndicate
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Large Mule Account Network
तकनीकी विश्लेषण के दौरान पुलिस को किशनगढ़ स्थित चार प्राइवेट बैंकों के खातों में संदिग्ध लेनदेन मिले, जिसके आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू की गई।
मास्टरमाइंड रवि कुमार सिंह गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस ने सबसे पहले असगर अली और अंकित सिंह को म्यूल अकाउंट सप्लायर के रूप में पकड़ा।
इनकी जानकारी के आधार पर 7 दिन की कार्रवाई के बाद मास्टरमाइंड रवि कुमार सिंह को गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में छापेमारी के बाद यह गिरफ्तारी की गई।
रवि एक फर्जी कॉल सेंटर चलाता था, जहाँ नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगा जाता था। उसके कॉल सेंटर से राजन सिंह नेगी, कमलेश पाल और एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने यहां से
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10 कीपैड मोबाइल
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5 स्मार्टफोन
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2 लैपटॉप
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और ठगी के रिकॉर्ड
बरामद किए।
अन्य गिरफ्तारियाँ और बरामदगी
ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने मंडावली और नजफगढ़ में छापेमारी कर राजेश कुमार और उसके तीन साथियों को भी पकड़ा।
इनके बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी के पैसे निकालने में किया जा रहा था।
पुलिस ने इनके पास से
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17 पासबुक
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8 ATM कार्ड
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और ₹1.6 लाख नकद
जब्त किए।
दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराध से निपटने की दिशा में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।