मणिपुर में जातीय हिंसा की आग एक बार फिर भड़क उठी है। बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों की सीमा से सटे तोरबुंग इलाके में मंगलवार रात तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई, जब सुरक्षा बलों और सशस्त्र बदमाशों के बीच भीषण क्रॉस-फायरिंग हुई। इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ है, हालांकि उसकी पहचान अभी तक सामने नहीं आई है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह गोलीबारी रात करीब 8:30 बजे शुरू हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, चुराचांदपुर की ओर से आए हथियारबंद बदमाशों ने कथित तौर पर तोरबुंग गांव पर हमला किया, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की। झड़प के दौरान बदमाशों द्वारा बमों के इस्तेमाल की भी सूचना है। यह मुठभेड़ करीब 20 मिनट तक चली, जिससे इलाके में दहशत का माहौल बन गया।
घटना के बाद स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तोरबुंग क्षेत्र में तैनात किया गया है। फिलहाल इलाके में तनाव बना हुआ है और सुरक्षा एजेंसियां हालात पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है, जब एक दिन पहले ही वर्षों से विस्थापित 389 लोग अपने घरों को लौटे थे। ये लोग जातीय संघर्ष के कारण फौगाकचाओ इखाई, तोरबुंग और आसपास के इलाकों से विस्थापित हुए थे।
गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। राज्य के कई हिस्सों में हालात अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाए हैं और समय-समय पर छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
राज्य में बिगड़ते हालात के बीच 13 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
इसी बीच, 14 दिसंबर को भाजपा मणिपुर के विधायकों ने नई दिल्ली में बैठक कर राज्य में शांति और विकास को लेकर चर्चा की। भाजपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह बैठक पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और पूर्वोत्तर समन्वयक संबित पात्रा की मौजूदगी में हुई। बैठक का मुख्य फोकस मणिपुर में शांति बहाली, जल्द सरकार गठन और विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता पर रहा।