अम्मान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर जॉर्डन पहुंच गए। अम्मान एयरपोर्ट पर जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन ने उनका औपचारिक स्वागत किया। यह यात्रा किंग अब्दुल्ला द्वितीय के निमंत्रण पर हो रही है, जिसके तहत प्रधानमंत्री मोदी उनसे द्विपक्षीय बातचीत करेंगे।
यह दौरा भारत और जॉर्डन के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हो रहा है। भारत और जॉर्डन ने वर्ष 1950 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। प्रधानमंत्री मोदी करीब सात साल बाद जॉर्डन पहुंचे हैं। इससे पहले वे वर्ष 2018 में एक ट्रांजिट विजिट के दौरान जॉर्डन में रुके थे।
प्रधानमंत्री के अम्मान पहुंचने पर उन्हें औपचारिक सम्मान दिया गया। दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच होने वाली वार्ता में द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार, निवेश, क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
भारत और जॉर्डन के बीच आर्थिक संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 में दोनों देशों के बीच करीब 26,033 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, जिसमें भारत का निर्यात लगभग 13,266 करोड़ रुपये रहा। दोनों देशों ने आपसी व्यापार को बढ़ाकर 5 अरब डॉलर (करीब 45,275 करोड़ रुपये) तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।
जॉर्डन, भारत को बड़ी मात्रा में रॉक फॉस्फेट और उर्वरकों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराता है। भारत के कुल रॉक फॉस्फेट आयात में जॉर्डन की हिस्सेदारी करीब 40 प्रतिशत है। वहीं, जॉर्डन भारत से मशीनरी, पेट्रोलियम उत्पाद, अनाज, रसायन, मांस, ऑटो पार्ट्स और औद्योगिक उत्पादों का आयात करता है।
इसके अलावा भारतीय कंपनियों ने जॉर्डन के फॉस्फेट और टेक्सटाइल सेक्टर में 1.5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत-जॉर्डन संबंधों को नई मजबूती देने और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।