प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय ‘प्रगति’ बैठक में देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ ‘विकसित भारत’ के रोडमैप पर विस्तृत चर्चा की। इस बैठक का मुख्य विषय ‘मानव पूंजी’ रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की लगभग 70% आबादी कामकाजी आयु वर्ग में है और यही देश की सबसे बड़ी शक्ति है।
उन्होंने राज्यों से कहा कि योजनाओं को सिर्फ फाइलों तक सीमित न रखते हुए जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही सभी राज्यों को अगले 10 वर्षों के लिए समयबद्ध एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।
खेल, शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों पर जोर
बैठक में प्रधानमंत्री ने राज्यों को
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स्पष्ट खेल नीति बनाने
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डोपिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाने
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स्पोर्ट्स मेडिसिन और फिजियोथेरेपिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित करने
की सलाह दी।
उच्च शिक्षण संस्थानों में लंबे समय से खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने पर भी विशेष जोर दिया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर नियंत्रण की सलाह
प्रधानमंत्री ने यह भी चिंता जताई कि कई जिलों के कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारी घंटों लंबी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि
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VC को सप्ताह में केवल एक दिन
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और सीमित समय
तक ही रखा जाए, ताकि अधिकारी फील्ड विज़िट और जनता की सुनवाई के लिए अधिक समय दे सकें।
लक्ष्य — विकसित भारत
बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच समन्वय मजबूत कर ‘विकसित भारत’ के विजन को गति देना रहा।