बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत भाजपा विधायक डॉ. प्रेम कुमार को मंगलवार को निर्विरोध बिहार विधानसभा का 18वां स्पीकर चुन लिया गया। उल्लेखनीय बात यह रही कि उन्हें सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दलों का भी सर्वसम्मत समर्थन मिला।
गया सीट से लगातार 9 बार विधायक चुने जा चुके प्रेम कुमार ने सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया था। चूंकि उनके खिलाफ किसी अन्य उम्मीदवार ने पर्चा दाखिल नहीं किया, इसलिए मंगलवार को सदन में आयोजित प्रक्रिया के दौरान वे निर्विरोध चयनित हो गए।
नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दिलाई कुर्सी
स्पीकर चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव खुद उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक लेकर गए और आसन ग्रहण करवाया। यह दृश्य सत्ता और विपक्ष की एकजुटता का प्रतीक बना।
आरजेडी विधायक राहुल कुमार ने भी कहा कि विपक्ष की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं था और वे प्रेम कुमार के नाम के समर्थन में खड़े हैं।
स्पीकर के रूप में प्राथमिकता: पक्ष-विपक्ष को साथ लेकर चलना
चुनाव के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रेम कुमार ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उसका वे पूरी निष्ठा से निर्वहन करेंगे।
उन्होंने कहा:
“सबका सम्मान होगा। लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों को साथ लेकर नियमावली के तहत सदन का संचालन किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस बार सदन में 100 से अधिक नए सदस्य चुने गए हैं। उन्हें सदन की कार्यप्रणाली समझाने के लिए एक विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रश्नकाल, शून्यकाल, तारांकित-अतारांकित प्रश्न जैसे संसदीय नियमों की जानकारी दी जाएगी।
भाजपा कोटे से तीसरे स्पीकर
प्रेम कुमार भाजपा कोटे से तीसरे विधानसभा अध्यक्ष बने हैं। इससे पहले विजय कुमार सिन्हा और नंदकिशोर यादव इस पद पर रह चुके हैं।
जदयू की ओर से उदय नारायण चौधरी और विजय कुमार चौधरी स्पीकर पद संभाल चुके हैं।