उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में व्यापक सुधार की दिशा में बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ पर्यटन सेवा नियमावली-2025 लागू कर दी गई है, जिसके साथ ही पूर्व में लागू सभी पुराने नियम और आदेश प्रभावहीन हो गए हैं। इस कदम को यूपी को विश्व पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
नई नियमावली से भर्ती प्रक्रिया होगी पारदर्शी और मजबूत
नई नियमावली के अनुसार पर्यटन अधीनस्थ सेवा में कई पदों की भर्ती प्रक्रिया अब अधिक व्यवस्थित एवं प्रतिस्पर्धी होगी—
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प्रकाशन अधिकारी, अपर जिला पर्यटन अधिकारी और पर्यटन सूचना अधिकारी के पद सीधी भर्ती और पदोन्नति—दोनों माध्यमों से भरे जाएंगे।
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प्रकाशन अधिकारी पदों का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की ओर से किया जाएगा।
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जबकि पर्यटन सूचना अधिकारी की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के माध्यम से होगी।
नियुक्ति, सेवा शर्तों, वरिष्ठता, पदोन्नति और अर्हताओं से जुड़े सभी प्रशासनिक प्रावधानों को भी इस नियमावली में शामिल किया गया है।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात के अनुसार नई नियमावली पर्यटन विभाग में एक आधुनिक, सक्षम और समन्वित सेवा संरचना प्रदान करेगी।
पर्यटन को नई गति मिलने की उम्मीद
राज्य सरकार का मानना है कि इस नई व्यवस्था से—
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भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी,
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विभाग की कार्यकुशलता बढ़ेगी,
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और पर्यटन विकास को नई रफ्तार मिलेगी।
सरकार उम्मीद कर रही है कि इन सुधारों से उत्तर प्रदेश की पर्यटन छवि वैश्विक स्तर पर और मजबूत होगी।
वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम के संचालन की जिम्मेदारी अब SAI के पास
योगी कैबिनेट ने वाराणसी स्थित निर्माणाधीन डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम (सिगरा) के संचालन व प्रबंधन के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के साथ एमओयू को मंजूरी दे दी है। यह वही स्टेडियम है जहां खेलो इंडिया योजना के तहत अत्याधुनिक खेल अवसंरचना विकसित की जा रही है।
एमओयू के तहत स्टेडियम परिसर में मौजूद सभी खेल सुविधाएं—भवन, मैदान, ढांचे और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर—SAI को सौंपे जाएंगे, ताकि इसमें नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (NCOE) की स्थापना की जा सके।
यूपी के खिलाड़ियों को मिलेगा बड़ा मंच
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार,
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राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बनने के बाद विभिन्न खेल विधाओं में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान की जाएगी,
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उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा,
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और इससे यूपी की खेल प्रतिभा को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
यह कदम न केवल खिलाड़ियों के लिए नए रोजगार और करियर के अवसर पैदा करेगा, बल्कि वाराणसी को देश के प्रमुख खेल केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित करेगा।