झारखंड की राजधानी रांची में सामने आए 307 करोड़ रुपये के मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के रांची जोनल कार्यालय ने मैक्सिजोन टच प्रा. लि. के निदेशक चंदर भूषण सिंह और उनकी पत्नी प्रियांका सिंह को गिरफ्तार किया है। दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ईडी के अनुसार, आरोपियों ने एक फर्जी एमएलएम स्कीम के जरिए आम लोगों को हर महीने अधिक रिटर्न और आकर्षक रेफरल लाभ का लालच दिया। इस योजना के तहत 21 से अधिक बैंक खातों में करीब 307 करोड़ रुपये की अवैध राशि जमा कराई गई, जिसे अपराध से अर्जित धन (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) माना जा रहा है।
जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपी लंबे समय से फरार थे और झारखंड, राजस्थान व असम की पुलिस समेत अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों से बचते रहे। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने बार-बार अपने ठिकाने बदले और फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया। ईडी का कहना है कि चंदर भूषण सिंह ने दीपक सिंह जैसे छद्म नामों का भी प्रयोग किया।
ईडी ने खुलासा किया कि आरोपियों ने अवैध धन को सफेद करने के लिए बेनामी लेनदेन के जरिए कई रियल एस्टेट संपत्तियां खरीदीं, जिन्हें बाद में नकद में बदला गया। इस मामले की जांच झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी।
जांच के तहत ईडी ने 16 सितंबर 2025 और 3 दिसंबर 2025 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, वैशाली (बिहार), मेरठ, रांची और देहरादून में कई ठिकानों पर पीएमएलए की धारा 17 के तहत छापेमारी की। इन छापों के दौरान फर्जी पहचान पत्र, हस्तलिखित नोट्स और डायरियां, 10 लाख रुपये से अधिक नकद, सहयोगियों की सूची, विभिन्न संस्थाओं की खाता पुस्तिकाएं, लैपटॉप और मोबाइल फोन, करीब 15 हजार अमेरिकी डॉलर मूल्य की क्रिप्टो करेंसी और कई रियल एस्टेट दस्तावेज जब्त किए गए।
ईडी ने बताया कि चंदर भूषण सिंह को विशेष पीएमएलए न्यायालय, रांची के आदेश पर पांच दिनों की ईडी हिरासत में भेजा गया है। मामले की आगे की जांच जारी है और इस घोटाले में अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।