पटना/रोहतास:
बिहार के रोहतास जिले में नवनिर्मित रोपवे गिरने की घटना के बाद राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। पथ निर्माण मंत्री दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को बताया कि जांच रिपोर्ट में संवेदक (कॉन्ट्रैक्टर) और पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों को दोषी पाया गया है। इसके बाद प्रोजेक्ट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर को निलंबित किया जा रहा है, जबकि रोपवे निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
इस घटना की जांच के लिए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी।
बड़ा हादसा टला, कोई घायल नहीं
यह हादसा रोहतास प्रखंड से रोहतासगढ़ किला और रोहितेश्वर धाम को जोड़ने वाले रोपवे के परीक्षण के दौरान हुआ था। परीक्षण के समय अचानक रोपवे ध्वस्त हो गया और इससे जुड़ा एक टावर भी क्षतिग्रस्त हो गया। चार ट्रॉलियां नुकसानग्रस्त हुईं, हालांकि मौके पर मौजूद श्रमिक समय रहते सुरक्षित हट गए, जिससे बड़ा हादसा टल गया। राहत की बात यह रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।
निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल
हादसे के बाद रोपवे निर्माण की गुणवत्ता पर कई सवाल उठे। अधिकारियों के अनुसार, परीक्षण के दौरान लोड बढ़ाने पर एक तार फंस गया, जिसके कारण यह नुकसान हुआ। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक परीक्षण पूरी तरह सफल नहीं होता, रोपवे आम जनता के लिए शुरू नहीं किया जाएगा।
12.65 करोड़ की परियोजना
इस परियोजना की जिम्मेदारी कोलकाता स्थित रोपवे एंड रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई थी।
रोपवे निर्माण पर करीब 12 करोड़ 65 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान था।
मंत्री ने दी सख्त कार्रवाई की जानकारी
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि दोषियों पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।