मुंबई महानगरपालिका चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज हो गई है। शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने कांग्रेस पर तीखे हमले करते हुए ‘कांग्रेस मुक्त मुंबई’ का नारा दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने चुनावी समीकरण में बदलाव कर पीठ पर छुरा भोंका है।
शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि पहले भाजपा ने धोखा दिया था और अब कांग्रेस ने भी वही किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है और अब वह वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ मिलकर गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।
वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ गठबंधन पर आपत्ति
आनंद दुबे ने सवाल उठाया कि जिस दल के साथ कांग्रेस वर्षों से राजनीतिक रूप से विरोध में रही, अब उसी को 60 से अधिक सीटें देकर आगे बढ़ाना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि वंचित बहुजन अघाड़ी के पास मुंबई में उतने उम्मीदवार भी नहीं हैं।
दुबे ने कहा कि कांग्रेस और VBA की इस साझेदारी के पीछे भाजपा की भूमिका हो सकती है और आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां भाजपा की ‘बी टीम’ की तरह काम कर रही हैं।
INDIA गठबंधन में दरार के संकेत
दुबे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी और INDIA गठबंधन राज्य और केंद्र की राजनीति के लिए बना था, न कि मुंबई महानगरपालिका चुनाव के लिए। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एकजुट हैं और जो दल साथ नहीं आएंगे, उन्हें राजनीतिक रूप से कड़ा जवाब दिया जाएगा।
15 जनवरी को होने हैं निकाय चुनाव
बृह्नमुंबई महानगरपालिका सहित महाराष्ट्र के 29 नगर निकायों में 15 जनवरी को चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले बढ़ती बयानबाज़ी से यह साफ है कि विपक्षी गठबंधन के भीतर मतभेद सार्वजनिक रूप से सामने आ चुके हैं।
दुबे ने अंत में कहा कि इस बार का नारा साफ है — “कांग्रेस मुक्त मुंबई।”